गोविन्द कुमार- सफलता की कहानी, आखों की जुबानी

गोविन्द के माता-पिता दोनो ने किसी कारणवंश डेढ वर्ष पहले आत्महत्या कर ली । इनकी उम्र 12 वर्ष की है परिवार मे एक तो स्वयं व दो इनके भाई है। ये तीनो अपने दादा-दादी व चाचा-चाची के साथ रह रहे है। गोविन्द ने अभी कक्षा पांचवी उतीर्ण की है तथा उसके दोनों भाईयों में सबसे बड़ा भाई (उम्र16 वर्ष) घर से दुर कोई लकड़ी का कार्य कर रहा है मंजला भाई (उम्र 14 वर्ष) कक्षा 10वी उतीर्ण की है । पारिवारिक स्थिति काफी दयनीय है । इनके चाचाजी मजदुर है व चाची आंगनबाडीं कार्यकर्ता हैं जो दिन भर कमाने के बाद शाम को रुपये एकत्र कर इनका लालन-पालन करते है । कार्यक्रम के दौरान इन बच्चो की चाची ने सूचना सेवा की मींटींग में भाग लीया तब सूचना मित्रो ने योननाओं के बारे में बताया |

पप्पू साहू को मिली 50 प्रतिशत की छूट

पप्पू साहू एवं कल्याण कोरी गुना जिले के देहरीकला गावं के रहने वाले है I यह दोनों एक मामूली किसान है, इनका पूरा परिवार जीवन यापन के लिए खेती पर निर्भर है I राजपाल केवट (सूचना सेवक) देहरीकला गाँव से ही है तथा सूचना सेवा मे जुड़ने के बाद से अपने गाँव की भलाई के लिए कार्य कर रहा है I एक दिन पप्पू साहू ने सूचना सेवक राज पाल केवट से संपर्क किया, और विद्युत विभाग मे बिल की राशि जमा करने से सम्बंधित किसी योजना के बारे मे पूछा I पप्पू साहू ने पिछले तीन साल से बिजली का बिल जमा नहीं किया था जिसके कारण बिल की राशि रू. 27775 हो गयी है इसकी वजह से वह काफी परेशान है I